Tuesday, January 30, 2018

आधार-वोटर आईडी लिंकिंग पर कुम्भकरणी नींद सो रही है केंद्र सरकार - एक्टिविस्ट संजय शर्मा का RTI खुलासा l

  
लखनऊ / 30 January 2018 / मंगलवार  ............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा  ( स्वतंत्र पत्रकार )
Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj


वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार कार्ड को जोड़ने से फर्जी आईडी वालों के नाम वोटर लिस्ट से हटाकर चुनावों को पारदर्शी बनाने के साथ-साथ  इस मुहिम के 100 पर्सेंट परिणाम हासिल करने के बाद वोटरों को बायोमेट्रिक प्रणाली का इस्तेमाल कर भविष्य में ऑनलाइन मतदान करने का विकल्प भी मिल सकता है पर लखनऊ निवासी फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई पर आये सरकारी जबाब से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि सरकारी योजनाओं को पारदर्शी बनाकर फर्जीबाड़ा रोकने की बात कहकर आधार कार्ड को हर सरकारी योजना के साथ जोड़ने की कबयद में जमीन आसमान एक कर देने वाली केंद्र की सरकार ने आज तक वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने के लिए अपनी तरफ से पहल करके न तो कभी कोई प्रस्ताव ही पारित किया है और न ही कभी कोई कार्यवाही ही की है l


बताते चलें लोकजीवन में पारदर्शिता,जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के लिए काम कर रहे देश के नामचीन कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले ई. संजय शर्मा ने बीते 27 नवम्बर को भारत के राष्ट्रपति के कार्यालय में आरटीआई अर्जी देकर आधार-वोटर आईडी लिंकिंग पर भारत सरकार द्वारा की गई कार्यवाही आदि के सम्बन्ध में 5 बिन्दुओं पर सूचना माँगी थी l राष्ट्रपति कार्यालय के उपसचिव और केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी जे. जी. सुब्रमनियम ने माँगी गई सूचना अपने कार्यालय में नहीं होने की बात कही और संजय का आवेदन बीते 18 दिसम्बर को आरटीआई एक्ट की धारा 6(3) के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी को अंतरित किया l भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी और उपनिदेशक गौरव शुक्ला ने माँगी गई सूचना अपने कार्यालय में नहीं होने की बात कही और बीते 27 दिसम्बर को संजय के आवेदन को आरटीआई एक्ट की धारा 6(3) के तहत भारत के निर्वाचन आयोग को ट्रान्सफर किया l इस आरटीआई अर्जी पर अब भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के अवर सचिव और केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी रितेश सिंह ने बीते 22 जनवरी को पत्र जारी करके एक्टिविस्ट संजय शर्मा को जो सूचना दी है वह बाकई चौंकाने वाली है l


समाजसेवी संजय शर्मा को बताया गया है वोटर आईडी कार्ड यानी मतदाता पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा की गई कार्यवाही की कोई भी सूचना भौतिक रूप में आयोग में उपलब्ध नहीं है l आधार-वोटर आईडी लिंकिंग के सम्बन्ध में केंद्र सरकार द्वारा कभी कोई प्रस्ताव करने की कोई भी सूचना भौतिक रूप में आयोग में उपलब्ध नहीं होने की बात बताने के साथ-साथ इस सम्बन्ध में चलाई गई पत्रावलियों की कोई भी सूचना भौतिक रूप में आयोग में उपलब्ध नहीं होने की बात भी रितेश ने संजय को बताई है l आधार-वोटर आईडी लिंकिंग के सम्बन्ध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किये गए आदेशों और भारत सरकार द्वारा आहूत बैठकों के सम्बन्ध में रितेश ने संजय को बताया है कि इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा दिया गया कोई प्रस्ताव या उनके द्वारा पारित किसी आदेश के सम्बन्ध में कोई सूचना आयोग के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है l सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी से रखने के लिए विश्वविख्यात संजय कहते हैं कि इससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार ने आज तक आधार-वोटर आईडी लिंकिंग के सम्बन्ध में अपनी तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की है l


रितेश ने संजय को बताया है कि जहाँ तक भारत निर्वाचन आयोग का सम्बन्ध है,आधार के साथ निर्वाचक डाटाबेस को लिंक करने के लिए आयोग ने मार्च 2015 में सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में  नेशनल इलेक्ट्रोरल रोल प्यूरीफिकेशन एंड आथेंटिकेशन प्रोग्राम (एनईआरपीएपी) के नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया था जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका संख्या (सी) 2012 का 494 में अगस्त 2015 में पारित आदेश के बाद अगस्त 2015 में ही रोक दिया गया है l रितेश ने संजय को आयोग के आदेश और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति भी भेजी है l

  

आम जनता से जुडी योजनाओं को आधार कार्ड से जोड़ने की अनिवार्यता को लागू कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाली केंद्र सरकार द्वारा आधार-वोटर आईडी लिंकिंग पर कोई कार्यवाही नहीं करने के खुलासे के आधार पर देश के प्रतिष्ठित समाजसेवी संजय ने केंद्र सरकार पर फर्जी वोटिंग बनाये रखने के लिए राजनैतिक पार्टियों के हितों को पोषित करने का गंभीर आरोप लगाया है l

  
मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने चाय बेचने वाले से पीएम बने नरेंद्र मोदी से उच्च अपेक्षाओं की बात कहते हुए अपने अपंजीकृत संगठन ‘तहरीर’ की ओर से मोदी को पत्र लिखकर राजनीतिक फायदे की दीवारों से ऊचा उठते हुए आधार कार्ड को वोटर कार्ड के साथ जोड़ने की पहल करने की मांग रखने की बात इस स्वतंत्र पत्रकार उर्वशी शर्मा से की गई एक एक्सक्लूसिव वार्ता में कही है l


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News written by freelance journalist Urvashi Sharma  

Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj

( This news item can be copy pasted free of charge if used without editing. This news item can be used free of charge with edits either with proper reference of both of yaishwaryaj & name of this freelance journalist or with prior permission of news author, i.e. a telephonic permission taken on her mobile number 8081898081)



Monday, January 29, 2018

UP : अनैतिक देह व्यापार में दूसरे स्थान पर है योगी आदित्यनाथ का कार्यक्षेत्र गोरखपुर - एक्टिविस्ट संजय शर्मा का RTI खुलासा l



लखनऊ / 29 January 2018 / सोमवार  ............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा  ( स्वतंत्र पत्रकार )
Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj

यूपी का सीएम बनने से पहले योगी आदित्यनाथ और गोरखपुर एक दूसरे के पर्याय जैसे रहे हैं l गोरखपुर क्षेत्र योगी का गृह जनपद और संसदीय क्षेत्र होने के साथ-साथ उनका कार्यक्षेत्र भी रहा है l शायद यही कारण रहा कि पिछले साल सत्तापलट होने के बाद यूपी के संस्कृति विभाग के नौकरशाहों ने अपना गिरगिटी रंग दिखाते हुए अखिलेश यादव के सैफई महोत्सव के तरफ खुलने वाला सरकारी खजाने का मुहाना बंद किया और गोरखपुर महोत्सव की तरफ एक नया मुहाना खोलकर योगी के लिए गोरखपुर का महत्व प्रत्यक्ष रूप से सारे संसार को बता दिया l पर अब CM  योगी आदित्यनाथ का यही गोरखपुर अनैतिक देह व्यापार को लेकर चर्चा में आ रहा है l लखनऊ निवासी फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो से आये जबाब से खुलासा हुआ है कि यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अभियुक्तों की संख्या के मामले में गोरखपुर मंडल आगरा मंडल के बाद दूसरे स्थान पर है l


लोकजीवन में पारदर्शिता,जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के लिए काम कर रहे देश के नामचीन  कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बीते 14 सितम्बर  को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के कार्यालय में मुख्य सचिव के कार्यालय में आरटीआई अर्जी देकर इस सम्बन्ध में सूचना माँगी थी l मुख्य सचिव कार्यालय ने संजय की अर्जी शासन के गृह विभाग को अंतरित की जहाँ से यह अर्जी पुनः अंतरित होकर लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक ( अपराध ) के कार्यालय में पंहुची l इस आरटीआई अर्जी पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के जन सूचना अधिकारी ने जो सूचना दी है वह बाकई चौंकाने वाली है l
समाजसेवी संजय शर्मा को बताया गया है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2017 के सितम्बर महीने की 30 तारीख तक के 9 महीनों में यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अपराधों में सर्वाधिक 48 अभियुक्त आगरा मंडल, दूसरे नम्बर पर 36 अभियुक्त गोरखपुर मंडल, तीसरे नम्बर पर 29 अभियुक्त लखनऊ मंडल,चौथे नम्बर पर 26 अभियुक्त बरेली मंडल,पांचवें नंबर पर 24-24 अभियुक्त मेरठ और वाराणसी मंडल और छठे नंबर पर 16 अभियुक्त इलाहाबाद मंडल के रहे तो वहीं इस अपराध के पंजीकृत अभियोगों में सर्वाधिक  9 मामले आगरा मंडल, दूसरे नम्बर पर 8-8 मामले बरेली और मेरठ मंडल,तीसरे नम्बर पर 7 मामले लखनऊ मंडल,चौथे नम्बर पर 6 मामले गोरखपुर मंडल,पांचवें नंबर पर 4 मामले वाराणसी मंडल और छठे नंबर पर 3 मामले इलाहाबाद मंडल के थे l कानपुर मंडल सूबे का एकमात्र ऐसा मंडल रहा जहाँ अनैतिक देह व्यापार की कोई घटना नहीं हुई l जीआरपी मंडल में भी ऐसा कोई अपराध नहीं होने की बात भी संजय को बताई गई है l     

अनैतिक देह व्यापार को सभ्य समाज के लिए कलंक बताते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने संत से सीएम बने योगी आदित्यनाथ से उच्च अपेक्षाओं की बात कहते हुए अपने अपंजीकृत संगठन ‘तहरीर’ की ओर से योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अनैतिक देह व्यापार में लगे लोगों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग करने की बात इस स्वतंत्र पत्रकार उर्वशी शर्मा से की गई एक एक्सक्लूसिव वार्ता में कही है l 




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News written by freelance journalist Urvashi Sharma  

Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj
( This news item can be copy pasted free of charge if used without editing. This news item can be used free of charge with edits either with proper reference of both of yaishwaryaj & name of this freelance journalist or with prior permission of news author, i.e. a telephonic permission taken on her mobile number 8081898081)


Wednesday, January 24, 2018

UP:योगी सरकार पर पुलिस मुठभेड़ आंकड़ों में हेराफरी का एक्टिविस्ट संजय शर्मा का आरोप l



लखनऊ/24 January 2018/बुधवार ............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा  ( स्वतंत्र पत्रकार )
Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj

सत्ता संभालने के बाद शुरुआती 6 महीनों में हुए पुलिस एनकाउंटरों पर नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन के निशाने पर आई CM  योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली बीजेपी सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटरों के दौरान हुई मौतों के सरकारी आंकड़ों में हेराफेरी करने को लेकर एक बार फिर चर्चा में आ रही है l लखनऊ निवासी फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा ने अपनी एक आरटीआई पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो से आये जबाब के आधार पर योगी आदित्यनाथ की सरकार पर पुलिस के एनकाउंटरों में हुई मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी करने का गंभीर आरोप लगाया है l 


बताते चलें कि देश में मानवाधिकार संरक्षण के लिए बनी सबसे बड़ी संस्था नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ( NHRC ) ने बीते दिनों मीडिया रिपोर्ट्स का स्वतः संज्ञान लेकर यूपी पुलिस द्वारा सरकार के आरंभिक 6 महीने में हुए एनकाउंटरों पर मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके 6 हफ़्ते में जबाव मांगा था । NHRC  के नोटिस में पुलिस विभाग द्वारा जारी आंकड़ों की बात कहते हुए छापी गई मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बीते 14 सितम्बर तक के 6 महीने में 420 पुलिस मुठभेड़ों  में 15  लोगों की मौत की बात कही गई थी पर अब मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा को राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो जो सूचना दी है उससे यह कडवी सच्चाई सामने आ रही है कि योगी सरकार ने मुठभेड़ से हुई सभी मौतों को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया है और आयोग की कार्यवाही से बचने के लिए आंकड़ों में हेराफेरी की है l


लोकजीवन में पारदर्शिता,जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के लिए काम कर रहे देश के नामचीन  कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बीते 14 सितम्बर  को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के कार्यालय में साल 2012 से 2017 तक की अवधि में पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए अपराधियों और पुलिस कर्मियों की संख्या की सूचना माँगी थी l मुख्य सचिव कार्यालय ने संजय की अर्जी शासन के गृह विभाग को अंतरित की जहाँ से यह अर्जी पुनः अंतरित होकर लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक ( अपराध ) के कार्यालय में पंहुची l इस आरटीआई अर्जी पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के जन सूचना अधिकारी ने जो सूचना दी है वह बाकई चौंकाने वाली है l

संजय को बताया गया है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार यूपी में साल 2012 में 10, साल 2013 में 05, साल 2014 में 07, साल 2015 में 09, साल 2016 में 04 और साल 2017 के 14 सितम्बर तक 09 व्यक्ति पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए l साल 2012 में शून्य , साल 2013 में शून्य , साल 2014 में 04, साल 2015 में 01, साल 2016 में शून्य  और साल 2017 के 14 सितम्बर तक 01 पुलिस कर्मी के पुलिस मुठभेड़ों में मारे जाने की सूचना भी संजय को दी गई है l संजय के अनुसार वर्तमान सीएम योगी के कार्यकाल के राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के ये आंकड़े यूपी पुलिस द्वारा पूर्व में जारी किये गए आकड़ों से मेल नहीं खाते हैं और इस आधार पर संजय ने योगी सरकार पर मानवाधिकार आयोग के नोटिस के बाद की कार्यवाही से बचने के लिए मुठभेड़ों की मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी कर सरकारी रिकॉर्ड में मृतकों की संख्या कम करने का गंभीर आरोप लगाया है l

संजय के अनुसार सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूर्व सीएम अखिलेश यादव के 5 वर्ष के कार्यकाल में 35 व्यक्ति पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए तो वहीं वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ के 14 सितम्बर तक के कार्यकाल में में 09 व्यक्ति पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए हैं l बकौल संजय अखिलेश के समय इन मौतों का औसत 7 प्रतिवर्ष था जो योगी के समय बढ़कर 9 से अधिक हो गया है जो अखिलेश के कार्यकाल के मुकाबले 28% से अधिक है l संजय ने यह भी बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूर्व सीएम अखिलेश यादव के 5 वर्ष के कार्यकाल में 5 पुलिसकर्मी मुठभेड़ों में मारे गए तो वहीं वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ के 14 सितम्बर तक के कार्यकाल में में 1 पुलिसकर्मी पुलिस मुठभेड़ों मारा गया है l बकौल संजय इस प्रकार अखिलेश के समय इन मौतों का औसत 1 प्रतिवर्ष था जो योगी के समय भी वही है l



पुलिस मुठभेड़ों की मौतों को सीधे-सीधे मानवाधिकारों से जुड़ा मुद्दा बताते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने  संत से सीएम बने योगी आदित्यनाथ से उच्च अपेक्षाओं की बात कही है और अपने अपंजीकृत संगठन ‘तहरीर’ की ओर से योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पुलिस मुठभेड़ों की मौतों के आंकड़ों को दर्ज करने में की जा रही सरकारी अनियमितता के सम्बन्ध में जांच कराने की मांग करने के साथ-साथ पूरे मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में लाने की बात इस स्वतंत्र पत्रकार उर्वशी शर्मा से की गई एक  एक्सक्लूसिव वार्ता में कही है l
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News written by freelance journalist Urvashi Sharma  

Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj
( This news item can be copy pasted free of charge if used without editing. This news item can be used free of charge with edits but only with proper reference of both of yaishwaryaj & this freelance journalist or with prior permission of news author, i.e. a telephonic permission taken on her mobile number 8081898081)