Friday, December 29, 2017
पीपीपी मॉडल पर रेल स्टेशनों के पुनर्विकास के केंद्र सरकार के दावे झूंठे : आरटीआई खुलासा l
Friday, December 8, 2017
कैग खुलासे से जागी मोदी सरकार ने इस साल की है हथियारों की रिकॉर्ड खरीद : RTI खुलासा l
News Summary मोदी सरकार ने इस साल तोड़ दिए हैं सेना के हथियार और गोला बारूद की खरीद के पिछले 6 साल के सारे रिकॉर्ड - संसद में पेश कैग रिपोर्ट से भारतीय सेना के पास हथियारों की कमी के खुलासे के बाद जागी केंद्र सरकार का सराहनीय कदम : लखनऊ के फायरब्रांड एक्टिविस्ट संजय शर्मा की आरटीआई से हुआ खुलासा l
Get complete details & original RTI at http://upcpri.blogspot.in/2017/12/6-l.html
लखनऊ/09 दिसम्बर 2017
News Author - Urvashi Sharma ( Freelance Journalist )
YAISHWARYAJ News Exclusive ©yaishwaryaj
बीते जुलाई महीने में भारत की संसद में पेश हुई नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट ने यकायक पूरे भारतवर्ष को चिंता में दाल दिया था l इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर भारत सरकार के साथ-साथ देश के हर नागरिक का चिंतित होना स्वाभाविक ही था क्योंकि मामला चीन और पाकिस्तान सीमा पर आये दिन सैन्य कार्यवाहियां करती देश की बहादुर सेना के पास गोला-बारूद की भारी कमी होने की बात कैग की इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कही गई थी l कैग द्वारा इस साल जनवरी में सेना के गोला-बारूद प्रबंधन का विश्लेषण करने के बाद डी गई इस रिपोर्ट में तोपखाने और टैंकों के लिए गोला-बारूद,मिसाइल और दूसरे विस्फोटकों में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ आदि की गंभीर रूप से किल्लत होने की बातें भी कहीं गईं थीं l साफ-साफ कहें तो इस रिपोर्ट में आंकलन किया गया था कि अगर भारतीय सेना को 10 दिनों तक लगातार युद्ध करना पड़ता तो उसके पास पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद उपलब्ध नहीं था lरिपोर्ट में बताया गया था कि किसी ऑपरेशन की अवधि की जरूरतों के हिसाब से रक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित 40 दिन की अवधि का “वॉर वेस्टेज रिज़र्व” रखा जाना और साल 1999 में भारतीय सेना द्वारा तय किया गया कम से कम 20 दिन का गोला-बारूद रिज़र्व होना आवश्यक था पर सितंबर 2016 में पाया गया था कि लगभग 55% प्रकार के गोला-बारूद की उपलब्धता MARL (Minimum Acceptable Risk Level) से कम थी यानि कि इन प्रकारों के गोला-बारूद की उपलब्धता न्यूनतम अपरिहार्य आवश्यकता परिचालन की ज़रूरत के हिसाब से नहीं था l इसके अलावा CAG ने 40% प्रकार के गोला-बारूद की गंभीर रूप से कमी भी पाई थी जिनका तकरीबन 10 दिन का ही स्टॉक था l
पर अब देश और इसके नागरिकों को चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है l आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड एक्टिविस्ट और इंजिनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई पर भारत के सेना मुख्यालय के जबाब से यह राहत भरा खुलासा हुआ है कि नरेंद्र मोदी की अगुआई में चल रही केंद्र सरकार ने इस साल सेना के हथियार और गोला-बारूद की खरीद के मामले में पिछले 6 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं l
एक्टिविस्ट संजय शर्मा द्वारा बीते 04 सितम्बर को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में दायर की गई आरटीआई पर एकीकृत मुख्यालय रक्षा मंत्रालय ( सेना ) के लेफ्टिनेंट कर्नल और जन सूचना अधिकारी ए. डी. एस. जसरोटिया ने बीते 13 नवम्बर के पत्र के माध्यम से संजय को बताया है कि Arms & Ammunitions की खरीद पर जहाँ एक तरफ भारतीय सेना नें वित्तीय वर्ष 2011-12 में 25.85 Cr. रुपये, वित्तीय वर्ष 2012-13 में 4,051.35 Cr. रुपये, वित्तीय वर्ष 2013-14 में 10,394.37 Cr. रुपये,वित्तीय वर्ष 2014-15 में 3,802.41 Cr. रुपये, वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3,427.97 Cr. रुपये,वित्तीय वर्ष 2016-17 में 11,348.92 Cr. रुपये ही खर्चे थे तो वहीं दूसरी तरफ हालिया वित्तीय वर्ष 2017-18 के शुरुआती 7 महीनों में भारत सरकार 31 अक्टूबर तक ही 28,303.43 Cr. रुपये खर्च कर चुकी है l
पेशे से इंजीनियर संजय शर्मा बताते हैं कि इस सूचना से स्पष्ट है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के अंतिम तीन वर्षों में भारतीय सेना ने Arms & Ammunitions की खरीद पर 14471.57 Cr. रुपये खर्चे थे तो वहीं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के आरंभिक तीन वर्षों में भारतीय सेना ने Arms & Ammunitions की खरीद पर 18579.3 Cr. रुपये खर्चे हैं जो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के खर्चे के मुकाबले 4107.53 Cr. रुपये अधिक है l
देश के चोटी के आरटीआई विशेषज्ञों में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बताया कि हालांकि बीजेपी सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुकाबले 3 साल में सेना के आर्म्स एंड एम्मुनिशन पर अधिक खर्चा किया पर यह भी काफी कम था जिसका खुलासा CAG की रिपोर्ट में हुआ l संसद में पेश कैग रिपोर्ट से भारतीय सेना के पास गोला बारूद की कमी के खुलासे के बाद जागी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हालिया वित्तीय वर्ष 2017-18 के शुरुआती 7 महीनों में 31 अक्टूबर तक ही 28,303.43 Cr. रुपये खर्च करने के कदम को सही बताते हुए एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर लगातार सतर्क दृष्टि रखने की अपेक्षा करने की बात एक विशेष बातचीत में इस स्वतंत्र पत्रकार को बताई है l
News Author - Urvashi Sharma ( Freelance Journalist )
YAISHWARYAJ News Exclusive ©yaishwaryaj
Tuesday, December 5, 2017
UP : जानिये क्यों अयोध्या के रामलला-रामजन्मभूमि मंदिर की सूचना सार्वजनिक नहीं करेगी योगी सरकार – फायरब्रांड एक्टिविस्ट संजय शर्मा की RTI से खुलासा l
लखनऊ/05-12- 2017............
कभी केंद्र में बीजेपी की सरकार बनबाने में अहम भूमिका निभाने वाले राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे से सम्बंधित सूचना को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 यानि कि आरटीआई एक्ट में देने से यूपी की महंत आदित्यनाथ योगी की अगुआई में चल रही बीजेपी की सरकार ने मना कर दिया है lलखनऊ के फायरब्रांड आरटीआई एक्टिविस्ट और इंजीनियर संजय शर्मा ने बीते 16 सितम्बर को यूपी के मुख्य सचिव कार्यालय में एक आरटीआई दायर करके बाबरी ढांचा ध्वस्त होने से अब तक राम लला रामजन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा और देखरेख पर हुए खर्चे,मंदिर के तिरपाल पर आये खर्च, तिरपाल बदलने पर आये खर्चे,रामजन्मभूमि-बाबरी विवाद की अदालती कार्यवाहियों पर आये सरकारी खर्चों.बाबरी ढांचा टूटने के उत्तरदाई लोकसेवकों को दिए दंड और राम लला रामजन्मभूमि मंदिर का पुजारी नियुक्त करने की विहित प्रक्रिया की सूचना माँगी थी l
मुख्य सचिव कार्यालय के अनु सचिव और जन सूचना अधिकारी ने देश के जाने माने समाजसेवियों में शुमार होने वाले संजय शर्मा की आरटीआई अर्जी बीते 21 सितम्बर को ही उत्तर प्रदेश के गृह विभाग को अंतरित कर दी थी l अब गृह विभाग के साम्प्रदायिकता नियंत्रण प्रकोष्ठ के विशेष कार्याधिकारी अशोक कुमार सिंह ने संजय को जो बात कहते हुए सूचना देने से मना किया है वह वेहद चौंकाने वाला है l
एक्टिविस्ट संजय की आरटीआई और अशोक कुमार सिंह का जबाब देखने के लिए http://sajagngonews.blogspot.in/2017/11/blog-post_29.html क्लिक करें l
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