विशेष समाचार का सार ©TAHRIR : लखनऊ की
समाजसेविका और येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने अपने द्वारा अखिलेश
की सरकार के निःशुल्क लैपटॉप वितरण घोटाले के सम्बन्ध में दायर की गयी एक आरटीआई
के आधार पर यूपी के सूचना आयुक्तों पर अक्षमता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इन
अक्षम आयुक्तों को सूबे में पारदर्शिता की मुहिम के लिए बड़ा खतरा बताया है.
Lucknow/26 June 2016/ Written by Sanjay
Sharma ©TAHRIR
यूपी में सूचना आयुक्तों की योग्यताओं और क्षमताओं को कटघरे में खड़ा करने की
श्रंखला काफी लम्बी है. इसी कड़ी में सूबे की चर्चित आरटीआई कार्यकत्री और
समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने एक बार फिर अपने द्वारा दायर की गयी एक आरटीआई के आधार
पर यूपी के सूचना आयुक्तों पर अक्षमता का आरोप लगाते हुए इन अक्षम आयुक्तों को
सूबे में पारदर्शिता की मुहिम के लिए बड़ा खतरा बताया है.
उर्वशी ने इस संबाददाता को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अभियान के सहायक
निदेशक शम्भु भान सिंह के दो पत्र दिखाए है जो यूपी में सूचना के अधिकार की
दुर्दशा की कहानी अपने आप ही वयां कर रहे हैं. दरअसल उर्वशी ने तीन साल से भी अधिक
समय पहले साल 2013 के मार्च माह में एक आरटीआई दायर कर सपा सरकार की निःशुल्क
लैपटॉप वितरण योजना से सम्बंधित सूचना माँगी थी. हालांकि अधिनियम की धारा 7(1) के
अनुसार उर्वशी इस सूचना को 1 माह में पाने का हक़ रखतीं थीं पर यह सूचना उर्वशी को 39
माह से अधिक समय हो जाने पर भी नहीं मिली है और सूचना आयुक्त मूकदर्शक बने तमाशा
देख रहे हैं.
हालाँकि आरटीआई एक्ट की धारा 6(3) में प्राविधानित है कि आरटी आई आवेदनों का
अंतरण हर हाल में 5 दिनों में हो जाना चाहिए पर अक्षम सूचना आयुक्तों की लचर
कार्यशैली के कारण अब जनसूचना अधिकारी इतने निरंकुश हो गए हैं कि उर्वशी के इस
मामले में आरटीआई आवेदन का अंतरण 3 वर्ष 3 महीने बाद किया गया है.
सामाजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने इस संबाददाता से एक विशेष बातचीत में कहा कि
अक्षम व्यक्तियों को सूचना आयुक्त बनाए जाने का खामियाजा पूरे तंत्र को उठाना पद
रहा है. बकौल उर्वशी जब उन जैसी जुझारू आरटीआई कार्यकत्री को सूचना लेने के लिए
इतनी मशक्कत करनी पद रही है तो यह आसानी से समझा जा सकता है कि एक साधारण इंसान के
लिए यूपी के वर्तमान तंत्र से सूचना ले पाना लगभग असंभव ही है. सूचना दिलाने में
हो रही इस तरह की असामान्य देरी पर बातचीत करते हुए उर्वशी ने कहा कि सूचना
आयुक्तों की अक्षमता और उनका भ्रष्ट आचरण ही इस तरह की देरी के मुख्य कारणों में से
प्रमुख कारण हैं. उर्वशी ने कहा कि अखिलेश की सरकार के निःशुल्क लैपटॉप वितरण घोटाले
को छुपाने के लिए ही यह सूचना उनको नहीं दी जा रही है.
बकौल उर्वशी जब तक सरकार के चाटुकार अक्षम व्यक्तिओं को अपारदर्शी रीति से
सूचना आयुक्त बनाया जाता रहेगा, तब तक राज्य सूचना आयुक्त रूपी इस कुँए में
भ्रष्टाचार की भांग घुली रहेगी और आक्षम और भ्रष्ट आयुक्त सरकारों के भ्रष्टाचारों
को इसी तरह छुपाते रहेंगे.
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सेवा में,
ReplyDeleteमाननीय मुख्यमंत्री महोदय,
लखनऊ (उ०प्र०)
विषय- मा० मुख्य-मंत्री महोदय उ०प्र० के ऑनलाइन जान सुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायत संख्या
40019716000334 मा०महोदय के पोर्टल पर लंबित क्यों?
सन्दर्भ- सट्टा-इकरारनामा एवं मृतक के बयान पर नामकरण की प्रक्रिया की गयी है, के बाबत मा० मुख्यमंत्री
महोदय के कार्यालय से आदेशित पत्र PG05721461 में उल्लेखित आदेश प्रमाण पत्रों का अवलोकन करके
सूचना उपलब्ध कराई जाए के आदेश के बाद भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी है, के सन्दर्भ में-
महोदय,
24 मार्च को माननीय मुख्यमंत्री महोदय के ऑनलाइन जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री महोदय के कार्यालय सेआदेशित पत्र PG05721461 में उल्लेखित आदेश प्रमाण पत्रों का अवलोकन करके सूचना उपलब्ध कराई जाए के आदेश केबाद भी कोई कार्यवाही नही की गयी और ना ही कोई सूचना दी गयी के सन्दर्भ में मा० मुख्यमंत्री महोदय के ऑनलाइनजनसूनवाई पोर्टल पर PG05721461 के शिकायत संख्या 40019716000334 जो कि माननीय महोदय के कार्यालय सेआदेशित पत्र संख्या PG05721461 की तहत मा० महोदय के जनसूनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायत संख्या40019716000334 भी लंबित क्यों है?
अतः महोदय जी से निवेदन है कि मा० मुख्यमंत्री महोदय के कार्यालय से आदेशित पत्र संख्या PG05721461 परपत्रों का अवलोकन करने के बाद जो कार्यवाही की गयी हो उसकी जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें|
राजेश कुमार वर्मा
गाँव- जलालीपट्टी नई बस्ती
पोस्ट-34 वीं वाहिनी पी०ए०सी०, भुल्लनपुर,
जिला- वाराणसी-221108 मोब० 8090952932
सेवा में,
ReplyDeleteमाननीय मुख्यमंत्री महोदय,
लखनऊ (उ०प्र०)
विषय- मा० मुख्य-मंत्री महोदय उ०प्र० के ऑनलाइन जान सुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायत संख्या
40019716000334 मा०महोदय के पोर्टल पर लंबित क्यों?
सन्दर्भ- सट्टा-इकरारनामा एवं मृतक के बयान पर नामकरण की प्रक्रिया की गयी है, के बाबत मा० मुख्यमंत्री
महोदय के कार्यालय से आदेशित पत्र PG05721461 में उल्लेखित आदेश प्रमाण पत्रों का अवलोकन करके
सूचना उपलब्ध कराई जाए के आदेश के बाद भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी है, के सन्दर्भ में-
महोदय,
24 मार्च को माननीय मुख्यमंत्री महोदय के ऑनलाइन जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री महोदय के कार्यालय सेआदेशित पत्र PG05721461 में उल्लेखित आदेश प्रमाण पत्रों का अवलोकन करके सूचना उपलब्ध कराई जाए के आदेश केबाद भी कोई कार्यवाही नही की गयी और ना ही कोई सूचना दी गयी के सन्दर्भ में मा० मुख्यमंत्री महोदय के ऑनलाइनजनसूनवाई पोर्टल पर PG05721461 के शिकायत संख्या 40019716000334 जो कि माननीय महोदय के कार्यालय सेआदेशित पत्र संख्या PG05721461 की तहत मा० महोदय के जनसूनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायत संख्या40019716000334 भी लंबित क्यों है?
अतः महोदय जी से निवेदन है कि मा० मुख्यमंत्री महोदय के कार्यालय से आदेशित पत्र संख्या PG05721461 परपत्रों का अवलोकन करने के बाद जो कार्यवाही की गयी हो उसकी जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें|
राजेश कुमार वर्मा
गाँव- जलालीपट्टी नई बस्ती
पोस्ट-34 वीं वाहिनी पी०ए०सी०, भुल्लनपुर,
जिला- वाराणसी-221108 मोब० 8090952932
to apkacm-up
ReplyDeleteसट्टा इकरारनामा व मृतक व्यक्ति के बयान पर नामान्तरण की प्रक्रिया की गयी है.U.P.C.M. आदेश लंबित
सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
लखनऊ (उ०प्र०)
विषय- सट्टा इकरारनामा व मृतक व्यक्ति के बयान पर नामान्तरण की प्रक्रिया की गयी है.
सन्दर्भ- @samajwadivision के ट्विट आइ०डी० पर २४ मार्च २०१५ को @rajeshkumar2210 के ट्विटपर २५ मार्च २०१५ को अपने ट्विट कर पूछा कि आप कि समस्या क्या है? थोरा विस्तार से बताएँ के सन्दर्भ में-माननीय महोदय,
मैनें एक प्रार्थना पत्र 06/06/2014को १९/१२/२०१३ के सन्दर्भ में जो कि जिला अधिकारी वाराणसी को लिखा था जिसपर कोई कार्यवाही नही की गयी थी के सन्दर्भ में आपके कार्यालय को भेजा और RTI ACT के तहत यह जानकारी प्राप्त करना चाहा की सट्टा इकरारनामा व मृतक व्यक्ति की बयान पर नामान्तरण की प्रक्रिया कैसे की गयी है. आपके कार्यालय से एक पत्र १७/०६/२०१४ को मिला जिसमें धारा 6(3) के अंतर्गत यह आदेशित व निर्देशित था कि प्रार्थी को सूचना से अवगत करते हुए निदेशालय को को भी अवगत कराए जाने का निर्देश था लेकिन मुझे किसी सूचना से अवगत नही कराया गया तब मैने २०/०१/२०१५ को पुनः एक प्रार्थना पत्र को आप के कार्यालय को भेजा और आप के कार्यालय से आपके कार्यालय को अवगत कराए गये, पत्र के फोटो कॉपी की माँग की गयी लेकिन आप के कार्यालय से से भी उत्तर नही मिला क्योंकि जब निर्देशाल को सूचना से अवगत ही नही कराया था तो निर्देशाल हमें क्या सूचना की फोटो कॉपी उपलब्ध कराते सो उस पत्र पर धारा 6(3) के अंतर्गत सूचना उपलब्ध कराए जाने की जानकारी पत्र द्वारा मिला क्या? इससे यह प्रतीत होता है की जब अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को को सूचना से अवगत नहीं करा पाए तो आम आदमी को सूचना से क्या अवगत कराएँगे.
२. तब मैने @samajwadision पर २४ मार्च २०१५ को एक ट्विट किया सट्टा इकरारनामा व मृतक के बयान पर नमंतरण की कार्यवाही की गयी है. U.P.C.M. आदेश लंबित
३. जिस पर आपने २५मार्च२०१५ को ट्विट कर के पूछा की आप की समस्या क्या है? थोरा विस्तार में बताएँ.
४. तब मैने नमंतरण की गयी फाइल की जाँच की माँग की और उसका पता भी दिया जो की ये था- पता- न्यायालय श्रीमान नायब तहसीलदार
सी लिंग वाराणसी
मु० स० ७१६/१०३४
राजेंद्र प्रसाद बनाम दुर्गा प्रसाद
दफ़ा-३४ आर०एल० एक्ट
तारीख फ़ैसला २४/०७/२००६
ग्राम- जलालीपट्टी, परगना देहात अमानत
तहसील सदर जिला- वाराणसी
अतः माननीय महोदय से प्रार्थी निम्न जानकारी प्राप्त करना चाहता है.
- प्रार्थी द्वारा दिया गया फ़ाइल के पाते पर क्या आपने फ़ाइल की जाँच कराई यदि नही तो क्यों? और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है
- प्रार्थी पत्रावली कहाँ पर व किस अधिकारी महोदय के यहाँ लंबित है और क्यों अवगत कराएँ
,
प्रार्थी
राजेश कुमार वर्मा
S/O भोनू राम वर्मा
ग्राम-जलालीपट्टी नई बस्ती, पो०-भुल्लनपुर पी०ए०सी०
जिला- वाराणसी मोब० 8090952932
उत्तर प्रदेश