क्या अपने पति निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर को विभागीय कार्यवाही में बचाने और अपने
अवैध जमीन कब्जाने में कार्यवाही से बचने की पेशबंदी की रणनीति के तहत
नूतन ने दाखिल की है उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक सैयद जावीद अहमद
के खिलाफ रिट?
लगता है कि उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सैयद जावीद अहमद के द्वारा
पद सँभालते ही किये गए सबसे पहले संबोधन में ही भ्रष्ट ,
बेईमान और जमीन कब्जाने वाले पुलिस कर्मियों
को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करने के फरमान को लखनऊ की
अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने कुछ अधिक ही गंभीरता से ले लिया और अपने ऊपर आने बाले संभावित
खतरे से बचने के लिए पेशबंदी करने की रणनीति के तहत उच्च न्यायालय में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सैयद जावीद अहमद के खिलाफ रिट दाखिल कर दी.
गौरतलब है कि नूतन
ठाकुर पर भी अपने पति निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर के पद की हनक का दुरुपयोग कर जमीन कब्जाने के कई पुख्ता सबूत
हैं और इन मामलों में मेरी शिकायतों पर कार्यवाहियां लंबित हैं.
एक अन्य कारण अपने पति के खिलाफ चल रही विभागीय
कार्यवाही में उसे बचाने के लिए नए डीजीपी पर दबाव बनाना भी हो सकता है.
यूपी में जावीद अहमद से वरिष्ठ 13 आईपीएस अधिकारी और भी है और यदि सरकार के
इस कदम से उनमें से किसी को भी कोई आपत्ति है तो वह प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में
सुप्रीम कोर्ट के दिये निर्देश के अनुपालन के लिए राज्य सरकार से या फिर
न्यायालय से अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं किन्तु उनके द्वारा जावीद अहमद के खिलाफ कोई आवाज न उठाये जाने
और पहले बलात्कार,आय
से अधिक संपत्ति,एनजीओ के माध्यम से फ्रॉड,भूखंडों पर अवैध कब्जे आदि मामलों के
अभियुक्त यूपी के निलंबित आईपीएस आईजी अमिताभ ठाकुर द्वारा मीडिया के माध्यम से जावीद अहमद की तैनाती का विरोध करने और अब अमिताभ
की पत्नी द्वारा उत्तर
प्रदेश के नवनियुक्त डीजीपी जावीद अहमद की तैनाती पर अमिताभ द्वारा किये गए
विरोध के आधारों पर ही हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर सवाल उठाने से मेरे मन में इन आशंकाओं ने जन्म
लिया है.
इं० संजय शर्मा
मोबाइल ८०८१८९८०८१