हमारा मानना है कि भ्रष्टाचार का आरोपी
कोई भी लोकसेवक अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो देता है और फिर इस मामले में तो एक संवैधानिक संस्था
लोकायुक्त को इन मंत्रियों के खिलाफ लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही ही लगे हैं lइन मामलों
में निष्पक्ष जांच के लिए इनको पद से हटाया जाना नितांत आवश्यक है क्योंकि मंत्री रहते
हुए ये दोनों अपने विभागों से सम्बंधित जांचों को प्रतिकूल प्रभावित करेंगे l
TAHRIR ( Transparency,
Accountability & Human Rights’ Initiative for Revolution ) / तहरीर
(पारदर्शिता,
जवाबदेही
और
मानवाधिकार
क्रांति
के
लिए
पहल ) , भारत
में
लोक
जीवन
में
पारदर्शिता
संवर्धन,
जबाबदेही
निर्धारण
और
आमजन
के
मानवाधिकारों
के
संरक्षण
के
हितार्थ जमीनी
स्तर
पर
कार्यशील
संस्था है l
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर पद का दुरुपयोग कर आय से ज्यादा संपत्ति जुटाने के आरोपों
की शिकायत पर लोकायुक्त जस्टिस एनके मेहरोत्रा द्वारा
1725 पेज के साक्ष्यों के आधार पर गायत्री प्रजापति एवं कुछ अन्य
को नोटिस भेजकर आरोपों पर जवाब मांगने की कार्यवाही की जा रही है । गायत्री
प्रसाद प्रजापति के खिलाफ ओम शंकर द्विवेदी की ओर से दाखिल की गई शिकायत दर्ज कर शुरू
की गयी जांच के पहले चरण में लोकायुक्त ने तीन लोगों को नोटिस भेजे गए हैं, जिनके खिलाफ
ओम शंकर द्विवेदी की शिकायत के साथ प्रॉपर्टी की सेल डीड दाखिल की गई थी । इनमें गायत्री
के दोनों ड्राइवर रामराज और मनोज के साथ गायत्री की महिला मित्र गुड्डा भी हैं। नोटिस
में शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों पर इन लोगों का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
इन्हें अपना जवाब देने के लिए सात जनवरी से नौ जनवरी के बीच का समय दिया गया है। लोकायुक्त ने उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब
अली के खिलाफ शिकायत करने वाले हरदोई निवासी
बाबा भगत तेजगिरि को भी नोटिस भेजकर नौ जनवरी
तक आरोपों के समर्थन में साक्ष्य उपलब्ध कराने की हिदायत दी है। इसके अलावा माध्यमिक
शिक्षा विभाग से परीक्षा केंद्रों के निर्धारण से जुड़ी पत्रावली व अन्य दस्तावेज भी
मांगे गए हैं।महबूब अली पर परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में वसूली व भ्रष्ट अधिकारियों
को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के यहां यह शिकायत दाखिल की गयी है ।
No comments:
Post a Comment