भारत के बाजारों में बिकने बाले सभी उत्पादों पर वास्तविक उत्पादन लागत का अंकन अनिवार्य बनाने की मांग : TAHRIR
raises Demand to compulsorily print Actual Production Cost on Products : बाजारों में बिकने बाले सभी उत्पादों पर वास्तविक उत्पादन लागत का अंकन अनिवार्य बनाने के सम्बन्ध में भारत सरकार ने आजादी से अब तक नहीं की है कोई कार्यवाही - आरटीआई : RTI
reveals GOI did nothing to compulsorily
print Actual Production Cost on Products.
सामाजिक संस्था तहरीर के संस्थापक लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा ने आज राष्ट्रीय उपभोग्ता अधिकार दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारत के बाजारों में बिकने बाले सभी उत्पादों पर वास्तविक उत्पादन लागत का अंकन अनिवार्य बनाने की मांग की है l
दरअसल संजय ने अपनी एक आरटीआई के माध्यम से भारत सरकार द्वारा बाजारों में बिकने बाले सभी उत्पादों पर वास्तविक उत्पादन लागत का अंकन अनिवार्य बनाने के सम्बन्ध में आजादी के बाद से अब तक की अवधि में गयी कार्यवाही की सूचना माँगी थी l संजय को आरटीआई में भारत सरकार द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार सरकार ने आजादी के बाद से अब तक की अवधि में बाजारों में बिकने बाले सभी उत्पादों पर वास्तविक उत्पादन लागत का अंकन अनिवार्य बनाने के सम्बन्ध में कोई भी कार्यवाही नहीं की है l संजय ने अपनी आरटीआई और इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर ही नरेंद्र मोदी से भारत के उपभोग्ताओं के हित वास्तव में संरक्षित करने के लिए इस दिशा में ठोस कार्यवाही करने की मांग की है l
संजय ने कहा है कि राष्ट्रीय उपभोग्ता अधिकार दिवस को रस्मी-दिवस मनाकर दिखावे करने के स्थान पर नरेंद्र मोदी को अब भारत के उपभोग्ताओं के हित वास्तव में संरक्षित करने के लिए इस दिशा में ठोस कार्यवाही करनी होगी l
संजय का कहना है कि उत्पादकों द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्य और वास्तविक उत्पादन लागत में बड़ा अंतर रखकर सरकारी खरीद की व्यवस्था में भ्र्ष्टाचार करके अपने उत्पाद खपाए जाते हैं और साथ ही साथ घटिया गुणवत्ता के अधिकांश उत्पादों का अधिकतम खुदरा मूल्य भी अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद के बराबर रखकर उपभोग्ताओं को धोखा दिया जाता है l
संजय ने भारत के उपभोग्ताओं के हित वास्तव
में संरक्षित करने के लिए सभी उत्पादों पर अधिकतम खुदरा मूल्य के आधार पर उत्पादन शुल्क
लगाने, उत्पादों की कीमत न घटाकर पैकिंग की
मात्रा कम करके उपभोग्ताओं को अप्रत्यक्ष धोखा
देने पर अंकुश लगाने के लिए पैकिंग की मात्रा
का मानकीकरण करने और साउथ अफ्रीका की भाँति निजी क्षेत्र
को आरटीआई के दायरे में लाने की भी मांग की है l
We should insist that the Excise duty paid on ex-factory price and the rate of the excise duty should be mentioned on the package. This will enable the consumer to determine the cost (ex-factory price)
ReplyDelete