Friday, December 2, 2022

  ‘शुभ उपकार’ अखबार के दिल्ली और यूपी के 4 एडिशनों के सर्कुलेशन की जांच कर CBC को रिपोर्ट दे RNI : भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का फरमान.


लखनऊ के थाना कृष्णानगर क्षेत्र स्थित कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी के सेक्टर D-1 के आवास संख्या SS-2 बटा 1654 निवासी डा. संपत लाल साहू की प्रिंटिंग प्रेस और अखबारों पर सरकारी जांचों का शिकंजा कसता चला जा रहा है. जिलाधिकारी लखनऊ के कार्यालय के साथ धोखाधड़ी करके लखनऊ के नाका हिंडोला क्षेत्र में राधिका धर्मशाला के पास चकमाकी दुगावा स्थित आवासीय प्लाट संख्या 274 बटा 31 स्थित श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स नाम की प्रिंटिंग प्रेस के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही कई अन्य व्यक्तियों द्वारा कई अन्य नामों से प्रिंटिंग प्रेसों का पंजीकरण करा लेने का आरोप लगाकर राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा की गई शिकायतों पर अभी जांच चल ही रही है कि इसी बीच संजय की एक और शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ़ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन के उपनिदेशक डा. चिराग भोर्निया ने बीती 28 नवम्बर को पत्र जारी करके डा. संपत लाल साहू के दिल्ली और उत्तर प्रदेश से “शुभ उपकार” नाम से निकलने वाले 4 संस्करणों के सर्कुलेशन, पब्लिशरों के नाम, ओनर्स के नाम, अखबारों के प्रिंटर्स के नाम और इनके पतों का वेरिफिकेशन करके केन्द्रीय संचार ब्यूरो ( CBC ) को उपलब्ध कराने के लिए भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक के कार्यालय ( RNI ) को आदेशित किया है. इस पत्र की प्रति शिकायतकर्ता संजय को भी भेजी गई है जिसमें RNI की रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा इन अखबारों के खिलाफ आगे की कार्यवाही करने की बात भी लिखी है.

संजय बताते हैं कि शुभ उपकार नाम से दिल्ली से निकलने वाले हिंदी दैनिक का सर्कुलेशन 17500; यूपी के हरदोई से निकलने वाले उर्दू दैनिक का सर्कुलेशन 16500; यूपी के हरदोई से निकलने वाले हिंदी दैनिक का सर्कुलेशन 25000 और लखनऊ से निकलने वाले साप्ताहिक हिंदी का सर्कुलेशन 15800 डिक्लेअर किया गया है जबकि वास्तव में इन अखबारों की नाम मात्र की प्रतियाँ छापी जा रही हैं और चार्टर्ड अकाउंटेंट की फर्जी रिपोर्ट और फर्जीबाड़ा कर चल रही बालाजी प्रिंटर्स जैसी प्रिंटिंग प्रेसों के नाम देकर फर्जी सर्कुलेशन के आधार पर विज्ञापन बटोरने का गोरखधंधा चलाया जा रहा है. संजय ने बताया कि वे इन अखबारों की वेरिफिकेशन रिपोर्ट देने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लाइसेंस रद्द कराने के लिए सक्षम फोरम पर अलग से शिकायत करने जा रहे हैं.

संजय का कहना है कि इन अखबारों ने छपाई के लिए जिन प्रिंटिंग प्रेसों के नाम दिए हैं उनके पास इतना इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है कि वे उन सब अखबारों की घोषित प्रसार संख्या में छपाई कर सकें जिनसे इन प्रिंटिंग प्रेसों ने छपाई का करार किया हुआ है और उनकी शिकायत में यह भी एक प्रमुख बिंदु है जिसकी जांच अब भारत सरकार की संस्था RNI गहनता से करेगी.

संजय ने बताया कि ईमानदारी के साथ अखबार और प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले पत्रकारिता जगत के बहुतायत लोग फर्जी सर्कुलेशन दिखाकर चलने वाले चंद अखबारों और फर्जी छपाई दिखाने वाली चंद प्रिंटिंग प्रेसों के गोरखधंधों की बजह से जबरदस्त रूप से प्रताड़ित है और लगातार घाटा सहने के कारण शनैः शनैः उसी प्रकार कम होते जा रहे हैं जैसे एक खोटे सिक्के के बाज़ार में आ जाने से सभी खरे सिक्कों को बाज़ार से रुखसत होना पड़ जाता है.

संजय ने सार्वजनिक रूप से यह अपील भी की है कि अख़बारों और प्रिंटिंग प्रेसों के फर्जीबाड़े से पीड़ित व्यक्ति भ्रष्टाचार विरोधी व्हाट्सएप हेल्पलाइन 7991479999 पर प्रमाण भेजें ताकि देश में ईमानदार पत्रकारिता को बचाए रखा जा सके.

 

 

 

 

 

 


 

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