Friday, December 9, 2022

  मोदी सरकार ने पेश की मितव्ययिता और पैसे के सदुपयोग की मिसाल : महज़ 1 करोड़ 2 लाख में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और 9 करोड़ 48 लाख में कर दिखाए ‘हर घर तिरंगा अभियान’ जैसे देशव्यापी विशाल और भव्य आयोजन : आरटीआई खुलासा.

 लखनऊ/शनिवार,10 दिसम्बर 2022 …………………………………

देश भर को एकता के सूत्र में पिरोकर देश विदेश में रह रहे भारतीयों के मन मस्तिष्क में देशभक्ति की भावना का सैलाब लाने वाले ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘हर घर तिरंगा अभियान’ जैसे  देशव्यापी विशाल और भव्य आयोजनों को केंद्र सरकार ने जिस मितव्ययिता के साथ संपन्न किया है उसका कोई सानी नहीं है. मोदी सरकार द्वारा सरकारी खजाने का पूरा-पूरा सदुपयोग करने का खुलासा करने वाले यह बात यूपी की राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा बीती 13 अक्टूबर को डाली गई एक आरटीआई अर्जी पर भारत सरकार के संस्कृति विभाग के अंडर सेक्रेटरी पप्पुन्जय कुमार द्वारा बीती 11 नवम्बर को दी गई सूचना से सामने आई है.


 

 

पप्पुन्जय ने संजय को बताया है कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लेने सम्बन्धी कोई भी फाइल नहीं है. भारत के फ्लैग कोड के आदेश संस्कृति विभाग द्वारा जारी नहीं करने की बात बताते हुए पप्पुन्जय ने संजय को बताया है कि हर घर तिरंगा अभियान की फाइल  एक ई-फाइल है जिसका निरीक्षण संजय द्वारा अपनी सुविधानुसार कभी भी किया जा सकता है.

 


हर घर तिरंगा अभियान के लिए झंडे भारत सरकार की टेक्सटाइल मिनिस्ट्री द्वारा सप्लाई किये जाने की बात बताते हुए अभियान के बाद तिरंगे का सम्मान बनाए रखने के लिए भारत सरकार के गृह कार्य विभाग द्वारा आदेशिका जारी करने की बात भी पप्पुन्जय ने संजय को भेजे पत्र में लिखी है.

 

फ्लैग कोड के सम्बन्ध में जन-जागरूकता के लिए चलाये गए अभियानों पर अलग से फंड्स की व्यवस्था नहीं होने की बात भी  पप्पुन्जय ने संजय को बताई है.

 

इन कार्यक्रमों के आयोजनों में मोदी सरकार द्वारा सरकारी पैसे के पूरे-पूरे सदुपयोग के साथ-साथ अतिशय मितव्ययिता की मिसाल पेश करने की बात कहते हुए संजय ने मोदी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की है.

 


Tuesday, December 6, 2022

शुभ उपकार अखबार छापने वाली प्रिंटिंग प्रेसों पर भी कसा जांच का शिकंजा : हरदोई के डीएम ने जिला सूचना अधिकारी को सौंपी जांच.

 लखनऊ/बुधवार, 07 दिसम्बर, 2022 ………………………..

यूपी के जिले हरदोई जिले से प्रकाशित होने वाले डा. संपत लाल साहू के हिंदी दैनिक शुभ उपकार और उर्दू दैनिक शुभ उपकार समाचार पत्रों की आरएनआई जांच के बाद अब इन समाचार पत्रों की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेसें भी जांच की जद में आ गई हैं. इन अखबारों के मालिकों और इनकी छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेसों पर घोषित प्रसार संख्या से कम संख्या में समाचार पत्रों की छपाई करके फर्जीबाड़ा करने का आरोप लगाते हुए राजधानी के राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा की गई एक शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम हरदोई ने जिला सूचना अधिकारी को अखबारों और अखबारों को छापने वाली प्रिंटिंग प्रेसों की जांच करने का आदेश दिया है जिसके बाद जिला सूचना अधिकारी ने बीती 2 दिसम्बर को संपत लाल साहू से जवाब माँगा है और इसकी सूचना एक अलग पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी हरदोई को भी दी है.

 


संजय बताते हैं कि उनको हेल्पलाइन 7991479999 पर शिकायत मिली थी कि लखनऊ निवासी संपत लाल साहू ने हरदोई से निकलने वाले हिंदी समाचार पत्र , RNI पंजीकरण संख्या UPHIN/2003/12001RNI टाइटल कोड UPHIN32967 के लिए अपना पता सूरी हाउस,गाँधी भवन के सामने, हरदोई ई-मेल dainikshubhupkar04@gmail.com मोबाइल नंबर 8400606091 दिया है और इस समाचार पत्र की छपाई चार प्रिंटिंग प्रेसों क्रमशः प्रियदर्शिनी युवा कल्याण प्रिंटिंग प्रेस एलडीए कॉलोनी लखनऊ, पॉइंट ओफ़्सेट लखनऊ, शुभ उपकार प्रकाशन प्रिंटर्स लखनऊ और चकगति प्रेस हरदोई में होनी बताई है. इसी नाम के दूसरे उर्दू समाचार पत्र , RNI पंजीकरण संख्या UPURD/2010/33730, RNI टाइटल कोड UPURD04384 के लिए साहू ने अपना पता B-74, आवास विकास कॉलोनी हरदोई ई-मेल saurabh.258@rediffmail.com मोबाइल नंबर 9452275438 दिया है और इस समाचार पत्र की छपाई सात प्रिंटिंग प्रेसों रॉयल ऑफसेट प्रेस हुसैनगंज लखनऊ और अन्य 6 प्रेसों में होनी बताई गई है. 

 

संजय ने अपनी शिकायत में लिखा था कि साहू द्वारा उपरोक्त दोनों समाचार पत्रों की घोषित प्रसार संख्या के आधार पर समस्त सरकारी लाभ लिए जा रहे हैं किन्तु प्रिंटिंग प्रेसों के मालिकों और प्रबंधन के साथ मिलकर घोषित प्रसार संख्या से कम संख्या में समाचार पत्रों की छपाई करके अपने निजी लाभ के लिए सरकार के साथ धोखाधड़ी की जा रही है जिसकी जांच समाचार पत्रों के प्रसार के प्रमाणों, अखबार बेचने से प्राप्त धनराशि, प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा छापे गए सभी अखबारों की संख्या के सापेक्ष प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा खरीदे गए कच्चे माल, खर्ची गई बिजली, प्रिंटिंग मशीन की क्षमता, प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या व अन्य स्टाफ की संख्या आदि की अभिलेखीय जांच से की जा सकती है जिस पर डीएम हरदोई ने जांच कराने का निर्णय लिया है.   

                                            

बकौल संजय क्योंकि पी.आर.बी. अधिनियम 1867 के तहत समाचार पत्रों के अनियमित कृत्यों के सम्बन्ध में जांच कराने के लिए जिलाधिकारी सक्षम प्राधिकारी हैं इसीलिए उन्होंने यह  अनुरोध किया है कि इन समाचार पत्रों और प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा मिलकर किये जा रहे फर्जीबाड़े की जांच कराकर समाचार पत्रों और प्रिंटिंग प्रेसों के खिलाफ अग्रेत्तर प्रशासनिक एवं विधिक कार्यवाही कार्यवाही की जाए.

 

बकौल संजय पत्रकारिता की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए फर्जी प्रसार संख्या दर्शाने वाले समाचार पत्रों और इन समाचार पत्रों के फर्जीबाड़े में सहयोग करने वाली प्रिंटिंग प्रेसों पर लगाम कसना अब समय की आवश्यकता है और इसी मुहिम के तहत उन्होंने शुभ उपकार अखबार का मामला एक टेस्ट केस की तरह उठाया है.

 

Friday, December 2, 2022

  ‘शुभ उपकार’ अखबार के दिल्ली और यूपी के 4 एडिशनों के सर्कुलेशन की जांच कर CBC को रिपोर्ट दे RNI : भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का फरमान.


लखनऊ के थाना कृष्णानगर क्षेत्र स्थित कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी के सेक्टर D-1 के आवास संख्या SS-2 बटा 1654 निवासी डा. संपत लाल साहू की प्रिंटिंग प्रेस और अखबारों पर सरकारी जांचों का शिकंजा कसता चला जा रहा है. जिलाधिकारी लखनऊ के कार्यालय के साथ धोखाधड़ी करके लखनऊ के नाका हिंडोला क्षेत्र में राधिका धर्मशाला के पास चकमाकी दुगावा स्थित आवासीय प्लाट संख्या 274 बटा 31 स्थित श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स नाम की प्रिंटिंग प्रेस के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही कई अन्य व्यक्तियों द्वारा कई अन्य नामों से प्रिंटिंग प्रेसों का पंजीकरण करा लेने का आरोप लगाकर राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा की गई शिकायतों पर अभी जांच चल ही रही है कि इसी बीच संजय की एक और शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ़ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन के उपनिदेशक डा. चिराग भोर्निया ने बीती 28 नवम्बर को पत्र जारी करके डा. संपत लाल साहू के दिल्ली और उत्तर प्रदेश से “शुभ उपकार” नाम से निकलने वाले 4 संस्करणों के सर्कुलेशन, पब्लिशरों के नाम, ओनर्स के नाम, अखबारों के प्रिंटर्स के नाम और इनके पतों का वेरिफिकेशन करके केन्द्रीय संचार ब्यूरो ( CBC ) को उपलब्ध कराने के लिए भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक के कार्यालय ( RNI ) को आदेशित किया है. इस पत्र की प्रति शिकायतकर्ता संजय को भी भेजी गई है जिसमें RNI की रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा इन अखबारों के खिलाफ आगे की कार्यवाही करने की बात भी लिखी है.

संजय बताते हैं कि शुभ उपकार नाम से दिल्ली से निकलने वाले हिंदी दैनिक का सर्कुलेशन 17500; यूपी के हरदोई से निकलने वाले उर्दू दैनिक का सर्कुलेशन 16500; यूपी के हरदोई से निकलने वाले हिंदी दैनिक का सर्कुलेशन 25000 और लखनऊ से निकलने वाले साप्ताहिक हिंदी का सर्कुलेशन 15800 डिक्लेअर किया गया है जबकि वास्तव में इन अखबारों की नाम मात्र की प्रतियाँ छापी जा रही हैं और चार्टर्ड अकाउंटेंट की फर्जी रिपोर्ट और फर्जीबाड़ा कर चल रही बालाजी प्रिंटर्स जैसी प्रिंटिंग प्रेसों के नाम देकर फर्जी सर्कुलेशन के आधार पर विज्ञापन बटोरने का गोरखधंधा चलाया जा रहा है. संजय ने बताया कि वे इन अखबारों की वेरिफिकेशन रिपोर्ट देने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लाइसेंस रद्द कराने के लिए सक्षम फोरम पर अलग से शिकायत करने जा रहे हैं.

संजय का कहना है कि इन अखबारों ने छपाई के लिए जिन प्रिंटिंग प्रेसों के नाम दिए हैं उनके पास इतना इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है कि वे उन सब अखबारों की घोषित प्रसार संख्या में छपाई कर सकें जिनसे इन प्रिंटिंग प्रेसों ने छपाई का करार किया हुआ है और उनकी शिकायत में यह भी एक प्रमुख बिंदु है जिसकी जांच अब भारत सरकार की संस्था RNI गहनता से करेगी.

संजय ने बताया कि ईमानदारी के साथ अखबार और प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले पत्रकारिता जगत के बहुतायत लोग फर्जी सर्कुलेशन दिखाकर चलने वाले चंद अखबारों और फर्जी छपाई दिखाने वाली चंद प्रिंटिंग प्रेसों के गोरखधंधों की बजह से जबरदस्त रूप से प्रताड़ित है और लगातार घाटा सहने के कारण शनैः शनैः उसी प्रकार कम होते जा रहे हैं जैसे एक खोटे सिक्के के बाज़ार में आ जाने से सभी खरे सिक्कों को बाज़ार से रुखसत होना पड़ जाता है.

संजय ने सार्वजनिक रूप से यह अपील भी की है कि अख़बारों और प्रिंटिंग प्रेसों के फर्जीबाड़े से पीड़ित व्यक्ति भ्रष्टाचार विरोधी व्हाट्सएप हेल्पलाइन 7991479999 पर प्रमाण भेजें ताकि देश में ईमानदार पत्रकारिता को बचाए रखा जा सके.

 

 

 

 

 

 


 

Sunday, November 27, 2022

  झूंठे घोषणा पत्र पर लखनऊ के नाका हिंडोला में श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स चला रहे डा. संपत लाल साहू.

 

लखनऊ/सोमवार,28 नवम्बर 2022 ………………………………..

 

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया के प्रमुख अंग के रूप में समाचार पत्र लम्बे समय से देश और समाज को आईना दिखाकर लोकशाही को स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाते चले आये हैं. हम सभी जानते हैं कि समाचार पत्रों की उत्पत्ति प्रिंटिंग प्रेसों में होती हैं इसीलिए अखबार छापने वाली प्रिंटिंग प्रेसों को भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का एक हिस्सा ही माना जाता है लेकिन अब लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ खुद ही दागदार होता जा रहा है. बहुतायत समाचार पत्रों द्वारा घोषित प्रसार संख्या में फर्जीबाड़ा करके कुछेक प्रतियाँ छापने के मामले सामने आने के साथ ही अब इन अखबारों को छापने वाली प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा फर्जीबाड़ा किये जाने के मामले भी सामने आने लगे हैं. ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के थाना कृष्णानगर क्षेत्र स्थित कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी के सेक्टर D-1 के आवास संख्या SS-2 बटा 1654 निवासी डा. संपत लाल साहू द्वारा नगर मजिस्ट्रेट लखनऊ के समक्ष झूंठा शपथपत्र देकर धोखाधड़ी और फ्रॉड से श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स नाम की प्रिंटिंग प्रेस का पंजीकरण करा लेने का है जो राजधानी निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की शिकायतों पर आई सरकारी रिपोर्टों से उजागर हुआ है.

 

 

 

संजय बताते हैं कि लखनऊ के नाका हिंडोला क्षेत्र में राधिका धर्मशाला के पास चकमाकी दुगावा स्थित आवासीय प्लाट संख्या 274 बटा 31 पर चल रहे श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स के स्वामी डा. संपत लाल साहू ने नगर मजिस्ट्रेट लखनऊ कार्यालय से प्रिंटिंग प्रेस का पंजीकरण प्राप्त करने के लिए बीते साल के मार्च महीने की 8 तारीख को एक घोषणा शपथ पत्र दिया था जिसकी प्रति लखनऊ के नगर मजिस्ट्रेट ने लखनऊ के जनपद न्यायाधीश और पुलिस कमिश्नर को भी भेजी थी. इस घोषणा शपथ पत्र में डा. संपत लाल साहू ने श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स में 5 किलोवाट की विद्युत क्षमता स्वीकृत होने की बात कही थी जिसके आधार पर नगर मजिस्ट्रेट लखनऊ से बालाजी प्रिंटिंग प्रेस का पंजीकरण कराया गया था.

 

 


 

संजय बताते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत भेजकर श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स को बिजली विभाग द्वारा दिए गए व्यवसायिक कनेक्शन के स्वीकृत लोड, प्रतिष्ठान के वास्तविक लोड और प्रतिष्ठान द्वारा बिजली चोरी किये जाने की जांच कराने की मांग की थी. संजय ने बताया कि उनकी शिकायत पर विद्युत वितरण नगरीय खंड रेजीडेंसी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड,लेसा लखनऊ के अधिशासी अभियंता ने जांच रिपोर्ट संलग्न करके उनको बताया है कि उक्त स्थल पर मात्र 3 किलोवाट का व्यवसायिक कनेक्शन चल रहा है.

 

 

बकौल संजय इस रिकॉर्ड से प्रथम दृष्टया यह बात सीधे-सीधे सामने आ रही है कि  श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स के स्वामी डा. एस. एल. साहू ने निजी लाभ अर्जित करने के लिए नगर मजिस्ट्रेट लखनऊ के समक्ष जानबूझकर झूंठा धोषणा शपथपत्र देकर धोखाधड़ी और फ्रॉड से प्रिंटिंग प्रेस का पंजीकरण करा लिया है. संजय ने बताया कि वे इस सम्बन्ध में प्रधानमन्त्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स में छपने वाले सभी अखबारों की घोषित प्रसार संख्या और प्रिंटिंग प्रेसों में छपने वाली वास्तविक संख्या की जांच कराने की मांग करने जा रहे हैं.

 

 

 


 

 

 

Tuesday, November 22, 2022

अग्निशमन अनापत्ति लिए बिना नाका हिंडोला में चल रही डा. संपत लाल साहू की बालाजी प्रिंटिंग प्रेस को लखनऊ पुलिस की कड़ी फटकार.

 लखनऊ / बुधवार, 23 नवम्बर 2022 ………………

 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके स्थित होटल लेवाना में पिछले दिनों हुए भयंकर अग्निकांड में कई मासूमों की जान जाने के बाद भी राजधानी के व्यवसायी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला राजधानी के नाका हिंडोला क्षेत्र में राधिका धर्मशाला के पास चकमाकी दुगावा में स्थित आवासीय प्लाट संख्या 274 बटा 31 पर लखनऊ विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से अवैध रूप से व्यवसायिक निर्माण करके डा. संपत लाल साहू द्वारा अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था किये बिना ही श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स नाम की प्रिंटिंग प्रेस को चलाये जाने का है जो राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की शिकायतों के बाद सामने आया है.

 

 

संजय बताते हैं कि ‘तहरीर नामक सामाजिक संस्था की भ्रष्टाचार विरोधी मोबाइल हेल्पलाइन 7991479999 पर श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स की अनेकों अनियमितताओं की शिकायतें की गईं थीं जिसके बाद उन्होंने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर जांच कराने का अनुरोध किया है. संजय बताते हैं कि इन शिकायतों में आवासीय इलाके में अवैध रूप से बिल्डिंग बनाकर बिना अग्निशमन और प्रदूषण महकमों से अनापत्ति लिए बिना ही प्रिंटिंग प्रेस चलाने, प्रिंटिंग प्रेस में कम विद्युत लोड का बिजली कनेक्शन लेकर बिजली चोरी करने, प्रेस में श्रम कानूनों का उल्लंघन कर श्रमिकों का उत्पीडन करने, प्रेस में छपने वाले अखबारों की मात्र कुछ प्रतियाँ ही छापकर उनको बड़ी संख्या में प्रतियाँ छापने की रसीदें देने जैसी अनियमितताएं उन्होंने मुख्य रूप से उठाई है.

 

 

संजय बताते हैं कि इस मामले में जब पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने थाना नाका के मार्फत जांच कराई है तो सामने आया है कि डा. संपत लाल साहू द्वारा रिहायशी इलाके में बिना अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था किये ही श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स नाम की इस प्रिंटिंग प्रेस को चलाया जा रहा है और इस प्रकार अपने लिए लाभ कमाने के लिए प्रिंटिंग प्रेस में काम कर रहे श्रमिकों और आस-पास रह रहे नागरिकों के जीवन और सुरक्षा तक को जानबूझकर खतरे में डाला जा रहा है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है.  

 

 

संजय की शिकायत पर थाना नाका के प्रभारी निरीक्षक ने उप निरीक्षक दिलीप कुमार से जांच कराई है और मामले की रिपोर्ट लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को भी भेजी है. जांच में दिलीप ने पाया है कि डा. संपत लाल साहू द्वारा श्री बालाजी प्रकाशन प्रिंटर्स नाम की प्रिंटिंग प्रेस का पंजीकरण कराकर इस प्रेस को बिना अग्निशमन अनापत्ति लिए ही अवैध रूप से चलाया जा रहा है और इसीलिए पुलिस महकमे ने साहू को प्रिंटिंग प्रेस का कार्य तत्काल रोक देने और अग्निशमन मानक पूरे करने के बाद  अग्निशमन विभाग की अनापत्ति मिल जाने के बाद ही प्रिंटिंग प्रेस चलाने की सख्त हिदायत दी है.

 

संजय ने उम्मीद जताई है कि डा. संपत लाल साहू लेवाना अग्निकांड की घटना से सबक लेकर अपने सामाजिक दायित्वों को समझेंगे और एक जिम्मेदार व्यवसायी की तरह व्यवहार करते हुए अपनी प्रिंटिंग प्रेस को तत्काल बंद करते हुए प्रेस की सभी खामियों को दूर करने के बाद ही इस प्रिंटिंग प्रेस को फिर से शुरू करेंगे.


 

Thursday, November 17, 2022

नियम कानून धता-बता चल रहे जगदीश गाँधी के सीएमएस स्कूल के प्रोग्राम में भाग न लें जन-प्रतिनिधि : इंo संजय शर्मा ने फिर की सार्वजनिक अपील.

 लखनऊ / शुक्रवार, 18 नवम्बर 2022 ……………………

जगदीश गाँधी के सिटी मोंटेसरी स्कूल ( सी.एम.एस. ) के तत्वावधान में ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ के हवाले से विश्व शांति,एकता और विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य के प्रति चिंतित होने की खोखली बात कहते हुए लखनऊ में आज से शुरु होने जा रहे 23वें अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत नहीं करने की अपील करते हुए देश के रक्षा मंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों,सांसदों,सूबे के उप मुख्यमंत्रियों,लखनऊ की मेयर और अन्य देशी-विदेशी मेहमानों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, यूनेस्को के महानिदेशक, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष,देश के राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश,प्रधानमंत्री और सूबे के राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले  स्थानीय राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा ने एक बार फिर इन सभी मंत्रियों,सांसदों,विधायकों और आम जनता द्वारा चुने गए अपने नुमाइन्दों  से नियम कानून धता-बता चल रहे जगदीश गाँधी के सीएमएस स्कूल के प्रोग्राम में अपने नैतिक और सामाजिक दायित्यों के मद्देनज़र भाग नहीं लेने की सार्वजनिक अपील की है.

 

संजय बताते हैं कि उनकी आरटीआई और शिकायतों पर सरकारी कार्यालयों द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर अब यह बात सार्वजनिक हो चुकी है कि जगदीश गाँधी द्वारा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चलाये जा रहे सी.एम.एस. समूह की अनेकों शाखाओं के भवन अनेकों अवैध निर्माणों के साथ निर्मित हैं, इन शाखाओं में से अनेकों शाखाओं के भवनों में अग्निशमन मानक पूरे नहीं हैं और ढांचागत और अग्निशमन रूप से असुरक्षित इन बिल्डिंग्स में कभी भी लखनऊ के हजरतगंज में हाल ही में हुए होटल लेवाना अग्निकांड जैसी दुर्घटना की सम्भावना होने के कारण ऐसी शाखाओं में पढ़ रहे बच्चों का जीवन हरदम खतरे में हैं इसीलिए देश के रक्षा मंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों,सांसदों,सूबे के उप मुख्यमंत्रियों,लखनऊ की मेयर जैसे सभी जन प्रतिनिधियों का यह नैतिक,पदीय और सामाजिक दायित्व है कि वे जगदीश गाँधी के कार्यक्रमों में तब तक शिरकत न करें जब तक जब तक जगदीश गाँधी का सिटी मोंटेसरी स्कूल अपनी कथनी और करनी के अंतर को मिटा नहीं देते हैं.

 

 

विश्व भर में अभी पैदा भी न हुए बच्चों के लिए चिंतित होने जैसी अतीव उच्च श्रेणी की आदर्शवादी बातें कहते हुए सीएमएस के छात्रों से ली गई ऊंची फीसों के पैसों से इस प्रकार के कार्यक्रम को आयोजित करने के पीछे सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह के संस्थापक जगदीश गाँधी द्वारा नोबेल पुरस्कार और मैगसेसे पुरस्कार जैसे अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए अपनी छवि बनाने का एजेंडे छिपा होने की सम्भावना भी संजय ने व्यक्त की हैं.

 

गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश न देने और अपने आप को सूचना का अधिकार कानून से बाहर रखने के लिए बात-बात पर अदालत पंहुच जाने,अभिभावकों का आर्थिक उत्पीडन कर नई नई शाखाएं खोलने, सस्ती लोकप्रियता पाने के प्रचार  अभियान के तहत इस प्रकार के आयोजन करने के लिए छात्रों के अभिभावकों से उनके बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले वास्तविक खर्चों से बहुत अधिक रकम फीस के रूप में बसूलने के आरोप लगाते हुए संजय ने कहा है कि  जगदीश गाँधी को बड़ी-बड़ी आदर्शवादी बातें कहते हुए इस प्रकार के आयोजन करने का तब तक कोई नैतिक अधिकार नहीं है जब तक वे अपने विद्यालयों की व्यवहारिक कार्यप्रणाली को अपने इस कार्यक्रम की आदर्शवादी थीम के अनुसार नहीं कर लेते हैं.  

 

 

संजय ने कार्यक्रम में आने वाले जन प्रतिनिधियों से एक बार फिर सार्वजनिक अपील की है कि भारत के साथ-साथ सकल विश्व को उन सबसे अतीव उच्च श्रेणी की नैतिक और सामाजिक अपेक्षाएं हैं और इसीलिए उनके द्वारा इस कार्यक्रम में  शिरकत करना नैतिक आधार पर तब तक उचित नहीं है जब तक सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह प्रबंधन और जगदीश गाँधी अपनी कथनी और करनी के अंतर को मिटा नहीं देते हैं.

 

 

 

नोट : पत्र पब्लिक डोमेन में वेबलिंक https://tahririndia.blogspot.com/2022/11/o.html पर निःशुल्क प्रयोग हेतु उपलब्ध है .

 


Sunday, November 6, 2022

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन में भाग नहीं लें अतिथि : इंo संजय शर्मा ने पत्र भेज नैतिक आधार पर लगाईं गुहार.

 


लखनऊ / सोमवार, 7 नवम्बर 2022 ……………………

लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल ( सी.एम.एस. ) समूह का प्रबंधन आगामी 18 से  22 नवम्बर तक कानपुर रोड शाखा में ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ के हवाले से विश्व शांति,एकता और विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य के प्रति चिंतित होने की बात करते हुए 23वां अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है. इसी बीच स्थानीय राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा ने अपनी आरटीआई और शिकायतों पर सरकारी कार्यालयों द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर जगदीश गाँधी द्वारा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चलाये जा रहे सी.एम.एस. समूह की अनेकों शाखाओं के भवन अनेकों अवैध निर्माणों के साथ निर्मित किये जाने, इन शाखाओं में से अनेकों शाखाओं के भवनों में अग्निशमन मानक पूरे नहीं होने और ढांचागत और अग्निशमन रूप से असुरक्षित इन बिल्डिंग्स में कभी भी लखनऊ के हजरतगंज में हाल ही में हुए होटल लेवाना अग्निकांड जैसी दुर्घटना की सम्भावना व्यक्त करते हुए ऐसी शाखाओं में पढ़ रहे बच्चों का जीवन हरदम खतरे में होने जैसी बातें  कहते हुए कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आने वाले देश के रक्षा मंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों,सांसदों,सूबे के उप मुख्यमंत्रियों,लखनऊ की मेयर और अन्य देशी-विदेशी मेहमानों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, यूनेस्को के महानिदेशक, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष,देश के राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश,प्रधानमंत्री और सूबे के राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नैतिक आधार पर कार्यक्रम में शिरकत नहीं करने की गुहार लगाईं है.

 


संजय ने अपने पत्र में लिखा है जगदीश गाँधी अभी पैदा न हुए बच्चों के लिए तो चिंतित होने की बात करते हैं लेकिन अपने स्वयं के विद्यालयों में शिक्षारत बच्चों की सुरक्षा तथा उनके अभिभावकों के शोषण के प्रति नितांत अगंभीर रवैया रखते हैं.

 


संजय ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि यह विडम्बनापूर्ण है कि गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश न देने और अपने आप को पारदर्शिता कानून से बाहर रखने जैसे मुद्दों पर अदालती लड़ाई लड़ने वाला,नई नई शाखाएं खोलने और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए इस प्रकार के आयोजन करने के लिए छात्रों के अभिभावकों से उनके बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले वास्तविक खर्चों से बहुत अधिक रकम फीस के रूप में बसूलने वाला सी.एम.एस. प्रबंधन बड़ी-बड़ी आदर्शवादी बातें कहते हुए ये आयोजन कर रहा है.

 

 


 

भारत में शिक्षा को एक अत्यंत पवित्र क्षेत्र बताते हुए संजय ने प्राचीन भारत के गुरुकुलों का उदहारण देते हुए पत्र में लिखा है कि उनके विचार से सी.एम.एस. प्रबंधन और जगदीश गाँधी को ऐसे कार्यक्रम करने का तब तक कोई नैतिक अधिकार नहीं है जब तक वे अपने विद्यालयों की व्यवहारिक कार्यप्रणाली को अपने इस कार्यक्रम की आदर्शवादी थीम के अनुसार नहीं कर लेते हैं  और इस कार्यक्रम को  सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह के संस्थापक जगदीश गाँधी द्वारा नोबेल पुरस्कार और मैगसेसे पुरस्कार जैसे अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए अपनी छवि बनाने के छिपे एजेंडे के तहत आयोजित किये जाने की सम्भावना व्यक्त की हैं.

 

 


संजय ने पत्र में लिखा है कि कार्यक्रम में आने वाले आगंतुकों से भारत के साथ-साथ सकल विश्व को अतीव उच्च श्रेणी की नैतिक अपेक्षाएं हैं और इसीलिए उनके द्वारा इस कार्यक्रम में  शिरकत करना नैतिक आधार पर तब तक उचित नहीं है जब तक सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह प्रबंधन और जगदीश गाँधी अपनी कथनी और करनी के अंतर को मिटा नहीं देते हैं.

 


Monday, October 31, 2022

डा. पी. के. जैनs के यौन रोग क्लिनिक और यौन रोग विशेषज्ञ के प्रचार के खिलाफ यूपी आयुष विभाग और पुलिस महकमे ने कसा शिकंजा : कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की शिकायत पर हुई बड़ी कार्यवाही.

 

यौन रोग विशेषज्ञ नहीं हैं डा. पी. के. जैन क्लीनिक्स के डॉक्टर पी. के. जैन,पियूष जैन और संचय जैन : आयुष विभाग ने किया खुलासा.

 

लखनऊ / सोमवार , 31 अक्टूबर 2022 …………………..

 

 

यूपी की राजधानी लखनऊ में गैरकानूनी रूप से स्वयंभू रूप से यौन रोग विशेषज्ञ बन बैठे आयुर्वेदिक डॉक्टर पी. के. जैन,पियूष जैन और संचय जैन द्वारा लखनऊ की लाटूश रोड पर बांसमंडी चौराहे के आगे होटल आशा के पास डा. पी. के. जैन’क्लीनिक प्राइवेट लिमिटेड तथा हुसैनगंज मेट्रो स्टेशन गेट संख्या 2 के सामने होटल मेरा मन के पास डा. पी. के. जैन’महराणा क्लीनिक प्राइवेट लिमिटेड नाम के आयुर्वेदिक क्लीनिक्स को यौन रोग ( सेक्स ) क्लीनिक्स के रूप में अवैधानिक रूप से प्रचारित-प्रसारित करने के खिलाफ सूबे के आयुष विभाग और लखनऊ के पुलिस महकमे ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. स्थानीय राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की शिकायतों को जांच के बाद सही पाते हुए आयुष विभाग और लखनऊ पुलिस के अधिकारियों ने इन डॉक्टर्स और क्लीनिक्स के सेक्स क्लीनिक्स और सेक्सोलोजिस्ट वाले विज्ञापनों को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है.

 

 

 

संजय कहते हैं कि यह सुनने में तो अटपटा लग सकता है लेकिन मेडिकल टर्म में कोई खुद को सेक्सॉलजिस्ट या यौन रोग विशेषज्ञ नहीं कह सकता है. सेक्सॉलजिस्ट बनने के लिए MBBS के बाद भी कोई स्पेशल ब्रांच नहीं है. इसके लिए कई ब्रांच की पढ़ाई करनी होती है जिनमें साइकायट्री, एंड्रॉलजी, यूरोलॉजी जैसे कई कोर्सों  के बाद इंसानी सेक्सुअल रेस्पॉन्स जैसे विषयों में पीएचडी जैसी डिग्रियां हासिल करनी होती हैं  लेकिन  पी. के. जैन,पियूष जैन और संचय जैन के द्वारा मात्र आयुर्वेदिक विधा की डिग्री के आधार पर पंजीकरण कराकर मरीजों के साथ धोखाधड़ी करते हुए खुद को सेक्सोलोजिस्ट और अपने क्लीनिक्स को सेक्स क्लीनिक्स के रूप में गैरकानूनी रूप से स्थापित करने वाले विज्ञापन और दावे इन्टरनेट,सोशल मीडिया,मीडिया, नगर निगम के होर्डिंग्स आदि माध्यमों से किये जाने की शिकायत मोबाइल हेल्पलाइन 7991479999 पर प्राप्त होने पर उन्होंने प्रमाणों के साथ मुख्यमंत्री को शिकायतें भेजी थीं जिसके बाद सूबे का सरकारी अमला हरकत में आया है.

 

 

 

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, लखनऊ ने सिसवारा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डा. शीलेन्द्र को संजय की शिकायत की जांच सौंपी. शीलेन्द्र ने इन डॉक्टर्स को अवैधानिक प्रचार करने का दोषी पाते हुए विज्ञापनों से यौन रोग विशेषज्ञ हटाने का आदेश देने के साथ-साथ भविष्य में विज्ञापन जारी करने से पहले विज्ञापन हेतु विभागीय अनुमति लेने तथा विज्ञापन शुल्क जमा कराने के निर्देश दिए और दोनों क्लीनिक्स से औषधियों के नमूने परीक्षण के लिए सीज किये. इन नमूनों को विश्लेषण के लिए राजकीय औषधि प्रयोगशाला भेजे जाने की बात भी शीलेन्द्र ने अपनी जांच आख्या में लिखी.

 

 

 

संजय बताते हैं कि जब आयुर्वेदिक विभाग की जांच के बाद भी डॉक्टर पी. के. जैन,पियूष जैन,संचय जैन और इनकी क्लीनिक्स के नंबर वन सेक्सोलोजिस्ट तथा सेक्स क्लीनिक्स जैसे दावों वाली प्रचार सामग्री इन्टरनेट,सोशल मीडिया और नगर निगम के होर्डिंग्स से नहीं हटे तो उन्होंने पुनः मुख्यमंत्री को शिकायतें भेजीं जिन पर कार्यवाही करते हुए राजधानी के थाना हुसैनगंज के उपनिरीक्षक चन्द्रभान गिरि ने इन डॉक्टर्स द्वारा विवादित शब्दों वाले विज्ञापन हटा लेने का वादा करने की बात बताई है, थाना नाका के प्रभारी निरीक्षक ने संजय की शिकायत को सही पाते हुए पुलिस महकमे के मार्फत आयुष विभाग को दो बार रिपोर्ट भेजी है और कैसरबाग़ के सहायक पुलिस आयुक्त ने प्रकरण का सीधा सम्बन्ध प्रशासकीय आयुष विभाग से होने के आधार पर किसी पुलिस कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होने की बात कही है.

 

 

 

संजय ने सूबे के सीएम को पत्र लिखकर मांग की है कि सूबे में सेक्स एजुकेशन और साइको-सेक्शुअल अवेयरनेस को बढाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को बढ़ाया जाए तथा साइको-सेक्शुअल काउंसलिंग के  विषय पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों को बढ़ावा दिया जाए ताकि ऐसे मरीज़ पी. के. जैनs और इनके क्लीनिक्स जैसे झूंठे विज्ञापनों के ज़रिए की जा रही धोखाधड़ी से बचे रहे.

 

 

 

आयुष विभाग और पुलिस महकमे की जाँच रिपोर्ट्स पब्लिक डोमेन में वेबलिंक https://tahririndia.blogspot.com/2022/10/s.html पर सभी के निःशुल्क प्रयोग हेतु उपलब्ध हैं.

 

 


(
इं. संजय शर्मा )

कंसलटेंट
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