लखनऊ/05 अगस्त 2021……………..
सिटी मोन्टेसरी स्कूल के इण्टरनेशनल रिलेशन्स
विभाग द्वारा आज सीएमएस गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) ऑडिटोरियम में ग्लोबल इण्टरफेथ सम्मेलन
का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन को समयानुकूल बताते हुए सिटी मोन्टेसरी स्कूल
द्वारा दावा किया जा रहा है कि यह सम्मलेन
विभिन्न धर्मों व विचारों का संगम सिद्ध होगा और यह भी कि भावी पीढ़ी को यह समझाने
की आवश्यकता है कि सभी धर्म हमें एक ही परमपिता परमात्मा की ओर ले जाते हैं. कहा
तो यह भी जा रहा है कि यह सम्मेलन सम्पूर्ण विश्व समाज में एकता, शान्ति व
सौहार्द का वातावरण स्थापित करने में सहायक होगा. इसी बीच राजधानी लखनऊ स्थित
समाजसेवी और इंजीनियर संजय शर्मा ने एक बयान जारी करके जगदीश गाँधी के सिटी मोंटेसरी
स्कूल से अपील की है कि यह ग्लोबल इण्टरफेथ सम्मेलन तभी सार्थक हो सकता है जब जगदीश
गाँधी का सिटी मोंटेसरी स्कूल अपनी कथनी और करनी के अंतर को मिटाकर अपने क्रियाकलापों
में पूरी पारदर्शिता बरतना शुरू करे और शिक्षा में समानता की बात को धरातल पर मनसा-वाचा-कर्मणा
लागू करे.
एक्टिविस्ट संजय ने कहा
कि शिक्षा में समानता का अर्थ यह है कि सभी विद्यार्थियों तक शिक्षा की समान पहुँच
हो तथा जाति, वर्ग, प्रदेश,
धर्म, लिंग, आर्थिक स्थिति आदि के भेदभाव के बिना समान अवसरों की प्राप्ति सुनिश्चित हो रही हो. जगदीश गाँधी के सिटी मोंटेसरी स्कूल पर शिक्षा का
अधिकार कानून और सूचना का अधिकार कानून का पूरी तरह पालन नहीं करने और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत गरीब बच्चों
को अपने विद्यालयों में प्रवेश नहीं देने के लिए तरह-तरह के कानूनी व अन्य हथकण्डे
अपनाने को ग्लोबल इण्टरफेथ सम्मेलन की मूल भावना का पूरी तरह विरोधी बताते हुए
संजय ने सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी धर्मगुरुओं से अपील की है कि
वे आयोजक संस्था जगदीश गाँधी के सिटी मोंटेसरी
स्कूल को अपनी कथनी और करनी के अंतर को मिटाकर सभी धर्मों में निहित ‘ईश्वर
के समक्ष समानता’ की मूल भावना का पालन धरातल पर करने की सीख दें.
संजय ने धर्मगुरुओं से यह
भी अपील की है कि वे जगदीश गाँधी के सिटी मोंटेसरी स्कूल को यह ज्ञान भी अवश्य दें
कि ग्लोबल इण्टरफेथ सम्मेलन की सार्थकता तभी है जब सिटी मोंटेसरी स्कूल शिक्षा के व्यवसायीकरण को
छोड़कर गुरुकुल सिद्धांत अपनाते हुए शिक्षा को सेवा मानकर काम करे और अपने क्रियाकलापों
में पूरी पारदर्शिता लाते हुए शिक्षा का अधिकार
कानून और सूचना का अधिकार कानून का मनसा-वाचा-कर्मणा पालन करे और गरीब बच्चों को भी अपने विद्यालयों में खुले दिल
से प्रवेश दे और शिक्षा में समानता की बात
मात्र मंचों से कहने तक ही सीमित नहीं रखे
बल्कि उसे धरातल पर लागू भी करे.
बकौल संजय यदि सिटी मोन्टेसरी
स्कूल धर्मों में बताये गए उच्च आदर्शों और शिक्षा में समानता की बात को धरातल पर लागू
नहीं करता है तो ऐसे आयोजनों को विद्यालय में पढने वाले अभिभावकों की गाढ़ी कमाई को
जगदीश गांधी की सामाजिक प्रतिष्ठा पाने की महत्वाकांक्षा पर लुटाने के आयोजन मात्र
माना जाएगा जिनसे अंतिमतः विश्व और समाज का कोई भला नहीं होगा.
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