लखनऊ/31 अगस्त 22……………
सूचना कानून को हल्के में लेना लखनऊ विकास प्राधिकरण ( एलडीए ) के मानचित्र सेल और जोन-7 के अधिशासी अभियंताओं को भारी पड़ गया है. उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने राजधानी निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा के एक मामले की सुनवाई करते हुए प्राधिकरण के इन दोनों अधिकारियों को साशय सूचनाएं उपलब्ध न कराने एवं सूचना आयोग के आदेश की अवहेलना करने का दोषी मानते हुए इनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत 250/- प्रतिदिन के हिसाब से पृथक-पृथक अर्थदंड अधिरोपित करते हुए वसूली का आदेश पारित कर दिया है.
संजय द्वारा साल 2020 के दिसम्बर महीने की 5 तारीख को मांगी गई सूचना के इस मामले में एलडीए के प्रथम अपीलीय अधिकारी ने बीते साल के मार्च महीने की 19 तारीख को मानचित्र सेल और जोन-7 के अधिशासी अभियंताओं को आदेशित किया था कि वे 15 दिन के अन्दर संजय को सूचनाएं उपलब्ध करा दें. इसके बाद भी संजय को सूचनाएं नहीं दिए जाने पर बीते साल के अक्टूबर महीने की 27 तारीख को हुई आयोग की सुनवाई में सूचनाएं देने में देरी करने के लिए एलडीए के इन दोनों अधिकारियों की आयोग के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति के साथ स्पष्टीकरण तलब किया गया और अन्यथा की स्थिति में अर्थदण्ड लगाने का नोटिस दिया गया.
बीती जुलाई की 18 तारीख को हुई अगली सुनवाई में भी जब ये दोनों अधिकारी नोटिस के बाबजूद न तो आयोग के सामने उपस्थित हुए और न ही इन्होने कोई स्पष्टीकरण दाखिल किया तो सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने इनको साशय सूचना नहीं देने का दोषी करार दिया और जुर्माना लगाते हुए मामले को समाप्त कर दिया.
शाही ने अपने आदेश में लिखा है कि अधिरोपित अर्थदंड की वसूली इन दोनों अधिकारियों के जनसूचना अधिकारियों के रूप में कार्यावधि की गणना के आधार पर पृथक-पृथक की जायेगी किन्तु किसी भी जनसूचनाधिकारी से वसूली जाने वाली अर्थदंड की धनराशि रुपये 25000/- से अधिक नहीं होगी.
शाही ने सूचना आयोग के रजिस्ट्रार को निर्देशित किया है कि वे इन दोनों अधिकारियों से अर्थदंड की वसूली कराकर धनराशि को सरकारी खजाने में जमा कराकर अनुपालन आख्या उनको उपलब्ध करायें. इस आदेश की प्रति अनुपालन के लिए प्रमुख सचिव आवास को भी भेजी गई है और मामले की पत्रावली संरक्षित करा दी है.